मलय घटक भी इस सभा में पहुंचे लेकिन मीडिया से बातचीत नहीं की…
देशभर में किसान आंदोलन के मद्देनजर सरकार के प्रति किसानों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी बीच संयुक्त किसान मोर्चा महापंचायत का काफिला आज आसनसोल पहुंचा। इस काफिले में पंजाब, हरियाणा और यूपी से किसान पश्चिम बंगाल में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन जाहिर करने आएं थे। लगभग तीन महीन के लंबे समय से चल रहे इस आंदोलन के खिलाफ किसान जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, वहां बीजेपी की नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर प्रचार कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले ही यह ऐलान कर दिया था कि अगर सरकार हमारी मांगो को नहीं मानती है तो हम इसके खिलाफ लोगों के बीच जाकर प्रचार करेंगे और बीजेपी को वोट न देने की अपील करें। आसनलसोल से पहले यह कोलकाता और नंदीग्राम में महापंचायत करके आए हैं.
आसनसोल से पहले कोलकाता और नंदीग्राम में महापंचायत हुई
आसनसोल में हुए इस महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत के आने की संभावना थी। लेकिन वह किसी कारणवश नहीं आ सके। इससे पहले वह कोलकाता और नंदीग्राम की सभा में शामिल हुए थे। आज हुई महापंचापत पूरी तरह से गैर- राजनीतिक थी। ऐसे में उत्तर आसनसोल के विधायक और बंगाल के विधि और श्रम मंत्री मलय घटक की उपस्थिति लोगों को जहन में सवाल खड़ा कर रहा है.
बीजेपी को वोट न देने की अपील
संयुक्त किसान मोर्चा महापंचायत में आसनसोल के निवासी रविंद्र सिंह का कहना है कि लोगों से हमारा निवेदन है कि वह बीजेपी को वोट न दें। यह आंदोलन कोई आम आंदोलन नहीं है। यह आंदोलन रोटी के लिए है। अगर राशन महंगा हो जाएंगा तो रोट तिजोरी में कैद हो जाएगी. केंद्र की तानाशाह पूरे देश में कॉर्पोरेट को लाना चाहती है। 26 जनवरी वाली घटना पर जिक्र करते वह कहते हैं कि यह सरकार की मिलीभगत है। उस दिन भी किसान शान्ति पूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।लेकिन पुलिस की वजह से अफरा तफरी का माहौल बना। लाल किला पर संप्रदायिक झंडा लगाने वाले दीप सिद्धू पर भी उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और अमित शाह से सांठगांठ होने का आरोप लगाया।
2 comments